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कोवीशील्ड विवाद के बीच वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटायी गयी प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर

 08 May 2024

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड 19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा ली है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोजेनेक ने दावा किया कि उसकी बनायी दवा से टीटीएस जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमने यह फैसला चुनाव में लगी आदर्श आचार संहिता को लेकर किया है।



स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू है। इसलिए कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दलील दी कि यह पहली बार नहीं है की वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाई गई हो । इससे पहले 2022 में गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री की तस्वीर सर्टिफिकेट से हटाई गई थी। लेकिन इसको लेकर विपक्ष का कहना है कि 16 मार्च से आदर्श आचार संहिता लगी हुई है पर प्रधानमंत्री की तस्वीर कोवीशील्ड वैक्सीन को लेकर चल रहे विवाद के बीच ही क्यों हटाई गई।



वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर 2021 में भी हुआ था विवाद

आप को बता दी की 2021 में भी वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर विवाद हुआ था। दरअसल 2021 में वैक्सीन सर्टिफिकेट से मोदी की तस्वीर को हटाने के लिए केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि दूसरे देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति वैक्सीन सर्टिफिकेट पर अपनी तस्वीर नहीं छपवाते। लेकिन मोदी वोटरों को लुभाने के लिए अपनी तस्वीर छपवाते है, इस पर तुरंत रोक लगना चाहिए। लेकिन जस्टिस पीवी कुन्नीकृष्णन ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें अपने प्रधानमंत्रियों पर गर्व नहीं होगा, हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है।



क्या है कोवीशील्ड का मामला

दरअसल कुछ दिन पहले ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्रोजेनेक ने ब्रिटिश हाईकोर्ट में माना कि उनकी बनाई कोरोना वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इस वैक्सीन का उत्पादन भारत में अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया था, जिसे कोवीशील्ड के नाम से जाना जाता है। इस वैक्सीन को लेकर शुरू से ही ब्लड क्लॉटिंग के गंभीर मामले आने की शिकायत आती रही है। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने इस बात को तब स्वीकार किया जब वह इस वैक्सीन के कारण कुछ मामलों में मानव स्वास्थ्य को होने वाले गंभीर नुकसान और कई मौतों के आरोपों से जुड़े मुकदमों को झेल रही है।